लडकी --- ले चल राजा महू ला गिरौदपुरी के मेला हो
दर्शन खातिर बाबा के तरसत हे मोर चोला हो
लड़का --- मान जा कहना पगली मोर होथे अडबड झमेला ओ
छोटे छोटे लैकामन हावै नई जावन हम मेला ओ ..
(1). डोंगरी पहाड़ म चड्बे पगली गाड़ी मिली न घोडा ओ
अब्बड़ दूर ल चलबे पगली पाव म परही फोरा ओ
आगे धान मिसाई समझावत हावा तोला ओ
छोटे छोटे लैकामन हावै नई जावन हम मेला ओ ..
(2) दुनियाभर के मनखे जोड़ी गिरौदपुर म जाते
गुरु गद्दी के दरसन पा के फल इच्छा मन पाथें
मन के मोर कलपना ल सुनावत हावा तोला ओ
दरसन खातिर बाबा के तरसत हे मोर चोला ओ ....
(3) सुने हावौ नामायण गुरु के महिमा हे भारी
सती सफुरा ल अपन जियाये जग म फैले चारी
ले चल न जाबो बहि मोर गिरौदपुरी के मेला ओ
दरसन खातिर बाबा के तरसत हे मोर चोला ओ ...
लडकी --- ले चल राजा महू ला गिरौदपुरी के मेला हो
दर्शन खातिर बाबा के तरसत हे मोर चोला हो
लड़का --- मान जा कहना पगली मोर होथे अडबड झमेला ओ
छोटे छोटे लैकामन हावै नई जावन हम मेला ओ ..
रचना : सतनाम जागरण समिति सतनामगढ़
आवाज़ : रामदेव कुर्रे एवं कु. बिंदा मल्होत्रा
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