रुद्राक्ष यात्रा 2 जून से 8 जून 2022
छत्तीसगढ़ प्रांत के रायगढ़ जिले में सारंगढ़ विकासखंड जो कि महानदी के किनारे बसा हुआ है। धन- धान्य से समृद्ध है, साथ ही धार्मिक- आध्यात्मिक दृष्टि से भी संपन्न है। अनेक प्राचीन मंदिर है। किंतु हिंदू समाज की कुरीति ऊंच - नीच का भेद भाव भी व्याप्त है। जिसके कारण समाज समरस नहीं हो पाता। आपस में सौहार्द पूर्ण वातावरण नहीं है। इसका लाभ उठाकर ईसाई मिशनरी संस्थाएं समाज में फुट पैदा कर, अंधविश्वास और प्रलोभन के द्वारा मतान्तरण का का कुचक्र चला रही है। आज भी सारंगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में छुआछूत व ऊंच-नीच की भावना व्याप्त थी और विधर्मी शक्तियां इनका फायदा उठा कर क्षेत्र में मतांतरण का कुचक्र चला रहे थे इस वजह से हिंदू समाज की विभिन्न जातियों में बड़ी दूरियां थी। संघ परिवार के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को यह बात बहुत चुभती थी। धर्म जागरण समन्वय की बैठक में यह विषय अक्सर कार्यकर्ता उठाते थे सतनामी समाज के लोग धर्म जागरण के अच्छे निष्ठावान कार्यकर्ता है इन परिस्थितियों में धर्म जागरण समन्वय क्षेत्र प्रमुख रेवाराम जी के दिमाग में "रुद्राक्ष यात्रा" निकालने का विचार आया और इसे मूर्त रूप देने में जुट गए। सारंगढ़ प्रवास किया, बैठकें की और स्थानीय कार्यकर्ताओ को आगे ला कर कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई गई। धीरे-धीरे अन्य कार्यकर्ता भी इस अभियान में जुटते गए और यात्रा चल पड़ा। लोग जून महीने की तपती धूप व भीषण गर्मी में सभी भेद भाव भूलकर रुद्राक्ष भगवान का स्वागत वंदन करने निकल पड़े। महामंडलेश्वर श्री सुरेशानंद सरस्वती जी के हाथों से निःशुल्क अभिमंत्रित रुद्राक्ष लेकर श्रद्धा, भक्ति व समर्पण भाव से पुजन करने लगे। सुबह 9 बजे से यात्रा चलती तो रात्री 10 बजे तक श्रद्धालु पूजन करते रहे।
रुद्राक्ष यात्रा एक नजर में...
1. यात्रा 7 दिनों में 60 ग्राम एवं शहर के 13 बस्तियों तक गई।
2. रुद्राक्ष यात्रा सफल बनाने के लिए एक आयोजन समिति बनाकर 35 कार्यकर्ता लगातार कार्य करते रहे।
3. ग्राम वासियों ने अपने अपने घर के मुख्य द्वार पर कलश सजाकर रंगोली बनाकर दीपक लगाकर स्वागत किए।
4. यात्रा में महिलाओं और बच्चों की उपस्थिति देखते ही बनती थी।
5. सभी भेदभाव मिटाकर समाज को एक सूत्र में पिरोने वाली इस यात्रा से राजनीतिक नेता भी अछूते नहीं रहे।
6. यात्रा के दौरान 51 हजार रुद्राक्ष के दाने निशुल्क वितरण किए गए।
7. अयोजन समिति के 15 कार्यकर्ता यात्रा में 7 दिन तक साथ रहे।
देश में पहली बार, रुद्राक्ष आए द्वार द्वार
सभी भेद मिटाने और समाज का आत्म गौरव जगाने निकली यह यात्रा सारंगढ़ क्षेत्र की सुख समृद्धि एवं प्रगति के लिए सभी के बीच में रुद्राक्ष यात्रा निकालने का निश्चय किया गया इस हेतु एक आयोजन समिति बनाई गई।
2 जून 2022 को महानदी मध्य स्थित शिव मंदिर टीमरलगा से रुद्राक्ष यात्रा निकली और समपन 8 जून 2022 को राजापारा सारंगढ़ में हुई।
यात्रा के पहले दिन टीमरलगा, गुडेली, गोडम एवं रेड़ा में जन सैलाब उमड़ पड़ा जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ता गया काफिला आता गया लोग स्व प्रेरित होकर यात्रा के साथ चलने लगे। जगह जगह पर घरों के द्वार में कलश सजाए गए महिलाओं ने आरती उतारकर रुद्राक्ष भगवान की पूजा की और महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 श्री सुरेशानंद सरस्वती जी ने सभी को निःशुल्क रुद्राक्ष प्रदान किए। कुछ स्थानों पर केवल भ्रमण का कार्यक्रम था लेकिन लोगों की उमड़ती हुई भीड़ को देखते हुए इसे सभा में तब्दील कर दिया गया इस कार्य के लिए समाज के सभी वर्ग व समूहों को जोड़ा गया। धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक संगठनों का भरपूर सहयोग मिला
रुद्राक्ष यात्रा को मिली ऐतिहासिक सफलता
धनवंतरी पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 श्री सुरेशानंद सरस्वती जी महाराज पूरे समय यात्रा में रहे
धर्म जागरण समन्वय क्षेत्र प्रमुख आदरणीय श्री रेवाराम भाई
धर्म जागरण प्रांत के पदाधिकारी श्री आनंद दास महंत जी सहित सभी प्रमुख कार्यक्रम में शामिल हुए।
वैदिक काल से ही अलौकिक शक्ति से युक्त बीज रुद्राक्ष का उपयोग आध्यात्मिक तथा तांत्रिक साधना कोपओं में किया जाता रहा है। भारतीय ज्योतिष में रुद्राक्ष की विशेष उपयोगिता है ग्रहों के दुष्प्रभाव को नष्ट करने का यह एक अचूक उपाय है। इसे धारण करने वाले का भूत प्रेत आदि की कोई समस्या नहीं रहती वह निर्भय होकर कहीं भी भ्रमण कर सकता है।
अपना जनजाति समाज प्रकृति पूजक है और रुद्राक्ष भी प्रकृति का अनमोल प्रसाद है जिसकी महिमा अब सारा विश्व जानने लगा है। यह अपनी पुरातन संस्कृति का प्रतीक भी है इसी से प्रेरित होकर पूर्व में सारंगढ़ क्षेत्र में रुद्राक्ष महाभिषेक का आयोजन संपन्न हुआ था जिसमें 1500 जजमानो ने जोड़े में सम्मिलित होकर अभिषेक किया था। इसी कड़ी में रुद्राक्ष को गांव-गांव और घर-घर तक पहुंचाने के लिए रुद्राक्ष यात्रा का यह आयोजन किया गया
जिसमें महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 संत श्री सुरेशानंद सरस्वती जी से प्रेरणा लेकर उनकी उपस्थिति में रुद्राक्ष यात्रा का सात दिवसीय आयोजन किया गया।
यह यात्रा 7 दिनों में 60 गांव का भ्रमण की जिसकी शुरुआत 2 जून 2022 को टीमरलगा स्थित शिव मंदिर से हुई इस दौरान घर वापसी अभियान प्रमुख हिंदू कुलदीपक आदरणीय प्रबल प्रताप सिंह जूदेव जी एवं आर्य समाज के युवा संन्यासी आचार्य राकेश जी ने टीमरलगा ग्राम में सभा की और श्रद्धालुओं को निशुल्क रुद्राक्ष प्रदान किए।
यात्रा का गुडेली में भव्य स्वागत हुआ माताओं बहनों द्वारा आरती पूजन की गई बच्चे व बूढ़े सभी ने महामंडलेश्वर जी के हाथों से निशुल्क रुद्राक्ष का प्रसाद प्राप्त किया
दोपहर का भोजन बंजारी में हुआ और हिररी ग्राम का भ्रमण किया गया। रुद्राक्ष यात्रा का गोड़म में अनेक स्थानों पर पूजन किया गया सुवाताल में माताओं बहनों द्वारा घर के मुख्य द्वार पर कलश जलाकर यात्रा का स्वागत किया गया। हरदी ग्राम की बीच बस्ती में यात्रा की सभा हुई और रात्रि का भोजन ग्राम रेडा में हुआ जहा पर यात्रा देर रात को पहुंची 10 बजे रात्रि तक श्रद्धालु शिव भक्त यात्रा का इंतजार करते रहे। इसी के साथ यात्रा का पहला दिन का विश्राम हुआ।
रूद्राक्ष यात्रा रूट चार्ट
2 जून 2022
1.टीमरलगा = प्रारंभ सुबह 10.00 बजे
2.गुडेली = भ्रमण 11.30
3.बंजारी = भ्रमण स्वागत दोप. 2.00
4.गोडम = भ्रमण पूजन दोप. 2.30
5.हिररी = भ्रमण दोप. 3.00
6.सुवाताल = भ्रमण पूजन संध्या 4.00
7.हरदी = भ्रमण पूजन संध्या 4.30
8.रेडा = पूजन संध्या 5.30
9.कोतरी : संध्या 7. 00 बजे विश्राम
3 जून 2022
10. उधरा = पूजन 9.30
11.पचपेड़ी = भ्रमण 10.00
12.सुलोनी = भ्रमण 10.45
13.सुंदराभाटा= भ्रमण 11.30
14.उलखर : दोपहर 12.30 विश्राम
15.छोटे गंतुली = भ्रमण 2.30
16.बड़े गंतूली = भ्रमण 3.15
17.जशपुर = भ्रमण 5.00
18.अंडोला = भ्रमण 6.00 विश्राम
19.दहीदा : रात्रि 7.30
4 जून 2022
00. दहीदा = प्रारंभ सुबह 9.00
20.मल्दा = भ्रमण 9.15
21.पासीद। = भ्रमण 10.15
22.सिंघनपुर = भ्रमण 11.15
23.भाठागांव = भ्रमण 12.15
24.कोसीर : दोपहर 12.45 विश्राम
25.कुम्हारी = भ्रमण 3.15
26.रक्सा = भ्रमण 4.15
27.चनामुंडा = भ्रमण 5.30
28. लेंधरा = भ्रमण 6.30
29.साल्हे : रात्रि 7.30 विश्राम
5 जून 2022
30.परसदा बड़े = भ्रमण 9.00
31.टाड़ीपार = भ्रमण 10.00
32.खजरी = भ्रमण 10:30
33.पिकरी = भ्रमण 11:15
34.पहांदा = भ्रमण 11:45
35.डोमाडीह = भ्रमण 12:15
36.केडार : दोपहर 12:45 विश्राम
37.नावागांव = भ्रमण 3:45
38.लिमगांव = भ्रमण 5:00
39.खोखसीपाली= भ्रमण 6:15
40.कटेली = रात्रि 7:30 विश्राम
6 जून 2022
00. कटेली = प्रारंभ 8:30
41.सरायपाली= भ्रमण 8:45
42.सोंडका = भ्रमण 9:30
43.नवापारा = भ्रमण 10.15
44.कवलाझर = भ्रमण 11:00
45.बीरसिंहडीह= भ्रमण 11:30
46.अमाकोनी। = भ्रमण 12:30
47.बटाऊपाली : दोपहर 1:00 विश्राम
48.सालर = भ्रमण 3:00
49.छातादेई = भ्रमण 3:30
50.अमलीपाली = भ्रमण 4:00
51.कपरतूंगा = भ्रमण 4:30
52.रोहिना = भ्रमण 5:45
53.बनहर = भ्रमण 6:45
54.सालर : रात्रि 7:30 विश्राम
7 जून 2022
55.बघनपुर = भ्रमण सुबह 8:45
56.बंधापाली = भ्रमण 9:15
57.फर्सवानी = भ्रमण 10:00
58.सिंगारपुर = भ्रमण 10:45
59.घौटला = भ्रमण 11:30
60.अमझर = भ्रमण 12:00
61.नवरंगपुर : दोपहर 1:00 विश्राम
62.खर्री = भ्रमण 4:00
63.मौहाढूंढा = भ्रमण 5:00
64.अमेठी = भ्रमण 6:15
65.दानसरा : रात्री 7:00 विश्राम
8 जून 2022
66. सारंगढ़ प्रवेश प्रातः 9:30
67.कमला नगर
68.फुलझरिया
69.भट्ठी चौक त्रिनाथ गुरुजी घर के पास
70.सम्राट चौक
71.छोटे मठ
72.नंदा चौक
73.सदर बाजार रोड़
74.पोस्ट ऑफिस चौक
75.पुराना बस स्टैंड
76.नया तालाब रोड़
77.आजाद चौक
78.भारत माता चौक
79.माटी तेल टंकी चौक
80.बैंक ऑफ बड़ौदा
81.जय स्तंभ चौक
82.केडिया चौक
83.बीड़पारा
84.गुप्ता होटल
85.पैलेस रोड़
86.पैलपारा
87.राजा पारा यात्रा समापन एवं पूजा स्थल
विषेश आग्रह पर उच्चभिट्ठी ग्राम पहुंची यात्रा
very nice
जवाब देंहटाएंRUDRAKSH Ki Adbhut Maya Nirmal Man Nirogi Kaya
जवाब देंहटाएंHindu sanskriti ki jhalak rudraksha yatra dharm jagran karte huve
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